हिमाचल में केसर की खेती की शुरुआत,पढ़े पूरी खबर

VON NEWS: केसर के लिए अब देश कश्मीर पर ही निर्भर नहीं रहेगा। लाहुल स्पीति के बाद सराज क्षेत्र में भी केसर की खेती की उम्मीद जगी है। कृषि विभाग का ट्रायल सफल रहा है और केसर में फूल निकल आए हैं। उत्साहित कृषि विभाग की टीम ने क्षेत्र का दौरा किया और केसर की खेती के लिए वातावरण का अनुकूल पाया।

कृषि विभाग के सह निदेशक सुरेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष उत्तम व सबसे ज्यादा महंगी किस्म के केसर के कंद मंगवाए हैं। हिमाचल में सर्दी में इसे उगाया जाएगा। केसर उत्पादन के लिए जमीन सूखी होनी चाहिए। सराज में अब बड़े स्तर पर केसर की खेती करने की योजना चल रही है।

मंडी जिला के सराज क्षेत्र में कृषि विभाग के वैज्ञानी केसर की खेती के लिए संभावनाएं तलाश रहे थे। इसलिए क्षेत्र कुछ स्थानों पर ट्रायल के लिए किसानों को केसर का बीज उपलब्ध करवाया गया था। सराज के बगस्याड, थुनाग, जंजैहली और बालीचौकी में लगाए गए बीज में फूल आ गए हैं। कृषि विभाग के सह निदेशक सुरेश शर्मा ने बताया कि ट्रायल के लिए लगाए गए केसर के कंद में फूल निकल आए हैं। फूलों में केसर की डंडियां भी उग आई हैं। इससे सराज में केसर की खेती की संभावनाएं जागृत हो गई हैं।

सात हेक्टेयर में हुआ ट्रायल

सराज की मुरहाग पंचायत के तांदी आहण और थरजूण के खन्यारी गांव में सात हेक्टेयर में ट्रायल के लिए केसर बीजा गया था। खन्यारी के तेज सिंह, पम्मी राम, आहण के चुनी लाल, धनीराम, चमनलाल, बंसी राम तथा तांदी के अंनत राम व मोहर सिंह के खेतों केसर उगा है।

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