स्वच्छ पर्यावरण लोगों का अधिकार इसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता
नई दिल्ली,VON NEWS. राष्ट्रीय हरित अधिकरण यानी एनजीटी (National Green Tribunal, NGT) ने कहा है कि स्वच्छ पर्यावरण किसी स्थान पर रहने वाले लोगों का अधिकार है। इसे किसी भी सूरत में झुठलाया नहीं सकता है। इस टिप्पणी के साथ ही ट्रिब्यूनल ने हरियाणा की एक औद्योगिक इकाई को वायु प्रदूषण फैलाने के लिए जिम्मेदार मानते हुए इसकी ओर से दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका ठुकरा दी है।
एनजीटी ने राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस यूनिट को बंद करने का आदेश दिया था जिसपर पुनर्विचार के लिए कंपनी की ओर से याचिका दाखिल की गई थी।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि विशेषज्ञ समिति ने पाया है कि औद्योगिक इकाई को स्वीकृत शर्तों और वायु गुणवत्ता के मापदंडों की अनदेखी करते हुए चलाया जा रहा है।
हालांकि, याचिकाकर्ता एसएसएफ पॉलीमर्स लिमिटेड के लिए राहत की बात यह है कि एनजीटी ने इसको दूसरी जगह जाने का समय मांगने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जाने की छूट दे दी है।
एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि स्वच्छ पर्यावरण किसी भी रिहायशी इलाके में रहने वाले लोगों का अधिकार है। इसे किसी भी सूरत में नकारा नहीं जा सकता है।