अगर आप घर में रखा सोना बेचना चाह रहे हैं, तो जानिए

नई दिल्ली,VON NEWS. भारत में सोने की कीमतों ने अगस्त महीने में 56,200 के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद अब अपनी बढ़त खो दी है। वर्तमान में सोने की कीमतें 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास बनी हुई हैं। मौजूदा फेस्टीव सीजन को देखते हुए भौतिक सोने के व्यापारी स्टॉक कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि फेस्टिव सीजन में मांग में सुधार होगा।

भारत में सोने की खरीदारी के चार तरीके हैं। पहला, आभूषण और सिक्कों के रूप में भोतिक सोने की खरीद। दूसरा, गोल्ड म्युचुअल फंड्स और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF)। तीसरा, डिजिटल गोल्ड और चौथा, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)। जब ग्राहक सोना बेचते हैं, तो उस पर कर लगाया जाता है, यह सोने के रूप पर निर्भर करता है। आइए विस्तार से जानते हैं।

आभूषण और सिक्कों पर टैक्स

भारत में आभूषणों और सिक्कों के रूप में सबसे अधिक सोना खरीदा जाता है। इस सोने की बिक्री पर टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितने समय के लिए यह सोना अपने पास रखा है। खरीदी के तीन साल के अंदर अगर आप सोने को बेचते हैं, तो उस लाभ को अल्पकालिक माना जाता है।

इसे डेट फंड्स में कैपिटल गेन्स के समान ही ट्रीट किया जाता है। यह अल्पकालिक पूंजीगत लाभ खरीदार की कुल आय में जुड़ जाता है और इस पर उसके आयकर स्लैब के अनुसार ही टैक्स लगता है। अगर खरीदी के तीन साल के बाद इस सोने की बिक्री की जाती है, तो उस लाभ को लॉन्ग टर्म के रूप लाभ माना जाता है और इस पर 20 फीसद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है।

गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्युचुअल फंड्स पर टैक्स

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) की बात करें, तो ये सोने की भौतिक कीमत को ट्रैक करने के लिए भौतिक सोने में निवेश करते हैं और गोल्ड म्युचुअल फंड्स (gold mutual funds) गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं। गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्युचुअल फंड्स दोनों से प्राप्त पूंजीगत लाभ भौतिक सोने की तरह ही करयोग्य होता है।

डिजिटल गोल्ड पर टैक्स

एप्स के जरिए ऑनलाइन खरीदारी सोने को खरीदने का नया तरीका है। कई बैंक्स, मोबाइल वॉलेट्स और ब्रोकरेज कंपनियां एप्स के जरिए सोना बेचने के लिए MMTC-PAMP या सेफगोल्ड से साझेदारी करती हैं। इनसे प्राप्त पूंजीगत लाभ पर भी भौतिक सोने या गोल्ड ईटीएफ की तरह ही टैक्स लगता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button