लाइलाज नहीं लेकिन बहुत ही दर्दनाक है यह बीमारी, पढ़े पूरी खबर

VON NEWS. उम्र के साथ-साथ हड्डियों का कमजोर होना सामान्य बात है, लेकिन जब हड्डियां इतनी कमजोर हो जाएं कि जरा सी चोट लगने पर टूटने लगें तो उस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। अगर इसका समय रहते उपचार न किया जाए तो मरीज को असहनीय पीड़ा होने लगती है। उसके शरीर के आकार में परिर्वतन आ जाता है।

ऐसे करें बीमारी की पहचान

अगर आप जल्दी थक जाते हैं या फिर आपके शरीर में बार-बार दर्द होता है। मॉर्निंग सिकनेस, मसल्स पेन आदि के अलावा आपको जल्दी-जल्दी फ्रैक्चर की समस्या भी हो रही हो तो 40 की उम्र के बाद ऑस्टियोपोरोसिस की भी जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

वजहें

आनुवंशिक कारणों से भी यह बीमारी हो सकती है।

शरीर में प्रोटीन और कैल्शियम की कमी होने से भी हड्डियों के रोग घेरते हैं।

विटमिन डी की कमी

उम्र बढऩे के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।

शारीरिक श्रम न करने से भी हड्डियों की समस्याएं घेर सकती हैं।

स्मोकिंग या सॉफ्ट ड्रिंक्स का ज्य़ादा सेवन भी एक कारण है।

स्त्रियों में पीरियड्स का खत्म होना।

डायबिटीज एवं थायरॉयड जैसी बीमारियों के कारण भी यह समस्या हो जाती है।

स्टेरॉयड जैसी दवाओं का लंबे समय तक सेवन करना।

बचाव का तरीका 

कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे कि दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।

नियमित व्यायाम, योग और ध्यान करें।

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