पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने दून में रखी थी?

देहरादून, VON NEWS. देश का सबसे होनहार छात्र क्लास के आखिरी बेंच पर भी मिल सकता है। बस आप इनकी उपेक्षा कभी मत करिये, हर छात्र को एकसमान समझने वाले भारत के मिसाइल मैन यानी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अपने ऐसे ही विचारों की बदौलत छात्रों के प्रिय थे। वे चाहते भी यही कि दुनिया में उन्हें एक बेहतर शिक्षक के तौर पर याद रखा जाए।

इसलिए यूनाइटेड नेशंस ने कलाम के जन्मदिवस को विश्व छात्र दिवस के तौर पर मनाना तय किया। कलाम का देहरादून से भी लगाव रहा है। उन्होंने साल 2001में अपने देहरादून दौरे के दौरान जेएनयू के साइंस पॉलिसी एंड रिसर्च संकाय के निदेशक रहे दून निवासी प्रो. धीरेंद्र शर्मा की पत्नी निर्मला शर्मा द्वारा शुरू किए गए

निश्शुल्क स्कूल ‘शिशु चेतना केंद्र’ का उद्घाटन  किया था।

कलाम द्वारा जिस बाल स्कूल की नींव साल 2001 में रखी गई थी आज भी वहां हर साल कई बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। कलाम के नजदीकी मित्र रहे प्रो. धीरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके पत्नी निर्मला शर्मा इंग्लैंड में पैदा हुई और वहीं पली-बढ़ी। इसके बाद उन्होंने अमेरिका में शिक्षा के क्षेत्र में काम करना शुरू किया। अमेरिका में धीरेंद्र शर्मा एक वैज्ञानिक के तौर पर काम कर रहे थे।

2015 में भी पहुंचे थे दून

नंदा की चौकी स्थित द टोंसब्रिज स्कूल के औपचारिक उद्घाटन पर भी साल 2015 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम देहरादून पहुंचे थे। तब स्कूल को शेमफोर्ड नाम से जाना जाता था। द टोंसब्रिज स्कूल के चेयरमैन विजय नागर ने बताया कि उन्होंने उस दिन स्कूल के बच्चों के साथ बहुत देर तक वार्ता की थी।

बताया कि कलाम द्वारा स्कूल के औपचारिक उद्घाटन करने की खुशी में स्कूल द्वारा उसी साल से उनके नाम से 11वीं और12 वीं कक्षा के लिए एक स्कॉलरशिप कार्यक्रम भी शुरू किया गया। जिसके तहत एक छात्र व एक छात्रा को प्रतिवर्ष पूरी पढ़ाई मुफ्त में करवाई जाती है। इसके लिए  प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।

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