CM योगी आदित्यनाथ बेहद संवेदनशील कर्मठ अधिकारियों के प्रति

लखनऊ,VON NEWS. भ्रष्टाचार में लिप्त तथा कार्य में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के प्रति बेहद सख्त सीएम योगी आदित्यनाथ का दूसरा चेहरा भी है। वह कर्मठ अधिकारियों के लिए बेहद संवेदनशील भी हैं। ताजा प्रकरण गाजियाबाद की ज्वांइट मजिस्ट्रेट सौम्या पाण्डेय का है। वह अपनी एक माह से भी कम उम्र की बच्ची को गोद में लेकर काम करती हैं। इसका फोटो सोशल मीडिया में वायरल होते ही मुख्यमंत्री ने इसका संज्ञान लिया और उनके निर्देश पर 2016 बैच की आइएएस अधिकारी सौम्या पाण्डेय का तबादला मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) कानपुर देहात के पद पर किया गया है। सौम्या पाण्डेय मूलत: प्रयागराज की निवासी हैं और उनके पति नितिन गौर भी आइएएस अधिकारी हैं।

संघ लोक सेवा आयोग की आईएएस परीक्षा 2016 में पहले प्रयास में ही अखिल भारतीय स्तर पर चौथी रैंक लाने वाले सौम्या पाण्डेय बीती 17 सितंबर को मां बनीं थी। इसके 14 दिन बाद ही उन्होंने गाजियाबाद में एसडीएस मोदीनगर का चार्ज लिया और काम में लग गईं।

दूधमुंही नन्हीं सी बेटी को गोद में लेकर ऑफिस आ रहीं आइएएस अफसर सौम्या पाण्डेय की फोटो मीडिया में वायरल होते ही खलबली मच गई। इसके बाद बुधवार को योगी आदित्यनाथ सरकार ने दो आइएएस अफसर का तबादला कर दिया। सौम्या पांडेय ज्वांइट मजिस्ट्रेट गाजियाबद का सीडीओ कानपुर देहात बनाया गया है। यहां पर तैनात रहे जोगिंदर सिंह को बरेली विकास प्रधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है।

पिता रवि पांडेय ने बताया कि सरकारी नियम के अनुसार उन्हेंं अधिकतम नौ महीने की मातृत्व अवकाश मिल सकता है। 17 सितंबर को डिलेवरी के मात्र 14 दिन बाद एक अक्तूबर को फिर से कार्यभार ग्रहण कर लिया।

प्रयागराज के हाशिमपुर की रहने वाली सौम्या पांडेय की 2017 बैच की ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली नियुक्ति मोदीनगर एसडीएम के पद पर हुई।  मार्च 2020 को सौम्या को गाजियाबाद में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी के अलावा पूरे जिले की कोविड मॉनिटरिंग सेल का प्रभारी बनाया गया। इस दौरान रोज जिलाधिकारी के अलावा अन्य सभी अधिकारियों से समन्वय करने की जिम्मेदारी सौम्या पाण्डेय बख़ूबी निभा रही हैं।

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