*हर ब्लाॅक में बनेंगे दो-दो अटल आदर्श विद्यालय ,खिलाड़ियों के लिए सिंगल विंडो हो, कोवीड से निबटने के अन्य उपायों पर निर्देश दिए : मुख्यमंत्री
*हर ब्लाॅक में बनेंगे दो-दो अटल आदर्श विद्यालय*
*जल्द लाई जाएगी नई खेल नीति, खेल विशेषज्ञों और खिलाड़ियो से लिए जा रहे सुझाव*
*खेल विज्ञान केंद्र, खेल विकास निधि और मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए।*
*मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा की।*
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक ब्लाॅक में दो-दो अटल आदर्श विद्यालय स्थापित किए जाएं। राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त किए जाएं और जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति दी जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा की।
*अटल आदर्श विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी दोनो माध्यम का विकल्प हो*
मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आदर्श विद्यालयों की स्थापना, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के सभी मानक पूरे करते हुए की जाए। इनसे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा के समान अवसर मिल सकेंगे। इन विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों का विकल्प बच्चों को उपलब्ध हो। स्पोकन इंग्लिश पर विशेष ध्यान दिया जाए। विज्ञान की प्रयोगशाला, सभी आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित हो।
*174 विद्यालय किए गए अटल आदर्श विद्यालय हेतु चिन्हित*
बैठक में बताया गया कि 174 विद्यालयों को अटल आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित कर लिया गया है। इनमें से 108 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी अटल आदर्श विद्यालय बनाए जाएं वहां स्थानीय स्थापत्य और सामग्री का प्रयोग किया जाए। बैठक में थानो में प्रस्तावित अटल आदर्श विद्यालय की डिजायन आदि से भी अवगत कराया गया।
*ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करे नई खेल नीति*
मुख्यमंत्री ने राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त कर जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। खेल नीति इस प्रकार की हो जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें।
*खेल अवस्थापना के लिए प्राईवेट सेक्टर केा प्रोत्साहित किया जाए*
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राईवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बच्चे टीवी, मोबाईल की दुनिया से बाहर निकलकर खेल के मैदान में आएं। खेलों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए।
*खेल नीति में बाालिकाओं के लिए हों विशेष प्रावधान*
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कुम्भ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाएं। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास निधि का निर्माण किया जाए। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।
*खिलाड़ियो की समस्याओं के निस्तारण के सिंगल विंडो सिस्टम*
मुख्यमंत्री ने आठ वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों और राजकीय विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए कोटा इस प्रकार का हो जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले।
बैठक में विद्यालयी शिक्षा एवं खेल मंत्री श्री अरविंद पाण्डेय, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, श्री बृजेश कुमार संत, निदेशक शिक्षा श्री आर के कुंवर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
कोविड -19 के विषय में की बैठक
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिये कि कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया जाय। विभिन्न माध्यमों से जागरूकता सबंधी गतिविधियां एवं विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाय। लेख, कविता, वाॅल पेंटिंग, स्लोगन और अन्य गतिविधियों पर प्रतियोगिताएं की जाय। इसके लिए प्रत्येक क्षेत्र में पुरस्कार भी दिये जायेंगे। ये पुरस्कार राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जो लोग कोरोना संक्रमित हुए थे, इन कोविड विनर के अनुभवों पर आधारित छोटी-छोटी स्टोरी बनाई जाय। कोविड पर जागरूकता के लिए प्रदेश की प्रमुख हस्तियों के वीडियो एवं आॅडियो क्लिप बनाई जाय। कोविड से बचाव के लिए प्रत्येक जनपद में अलग-अलग थीम पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं, आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहे और लोगों में संक्रमण का खतरा भी न हो। इसके लिए मास्क के उपयोग, सामाजिक दूरी एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाईडलाईन के अनुसार जागरूकता के लिए होटलों, सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर, बैनर, स्टिकर एवं आडियो/वीडियो मैसेज के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए जागरूकता अभियान में सूचना एवं लोक संम्पर्क विभाग द्वारा सभी विभागों से समन्वय बनाकर प्रचार-प्रसार किया जाए। खेल, पंचायतीराज, स्वास्थ्य, संस्कृति, पुलिस एवं जन सम्पर्क वाले अन्य विभागों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। खेल विभाग द्वारा कोरोना विनर्स के नेतृत्व में जागरूकता के लिए वाॅक कार्यक्रम, कोरोना से जागरूकता हेतु सांस्कृतिक दलों के माध्यम से लघु नाट्य, गीत एवं आॅनलाईन माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाये। कोरोना से जागरूकता में अच्छा कार्य करने वाले जनपदों, विकासखंण्डो एवं ग्राम पंचायतों को भी पुरस्कृत किया जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोराना से बचाव हेतु सामान्य दिशा-निर्देश, पर्यटकों के लिए सूचना, होम आईसोलेशन पर लघु फिल्में बनाकर उन्हें प्रसारित किया जाय। परिवहन निगम की बसों में पोस्टर एवं जागरूकता हेतु रिकार्डेड मैसेज की व्यवस्था की जाय। सभी विभाग अपने सोशल मीडिया एकाउंट/फेसबुक पेज को नियमित शेयर करें और सूचना विभाग द्वारा बनाये गये क्रियेटिव को भी अपने एकाउंट पर भी पोस्ट करें। विभिन्न सरकारी भवनों पर वाल राइटिंग, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर कोरोना से बचाव हेतु जागरूकता के लिए एनाउंसमेंट की व्यवस्था की जाय।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, डाॅ. पंकज पाण्डेय, श्री बृजेश कुमार संत, श्री एच.सी. सेमवाल, सूचना महानिदेशक डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।