उत्तराखंड: 99 फीसदी MSME के दायरे में आए, सभी जिलों को दिए 50 करोड़

देहरादून. उत्तराखंड में उद्योग जगत से संबंधित एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां पर अब करीब 99 फीसदी उद्योग एमएसएमई  की श्रेणी में आ गए हैं. जबकि बड़े उद्योगों की संख्या काफी कम रह जाएगी. दरअसल, केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में उद्योगों की परिभाषा बदल दी है. ऐसे में सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के कारोबार का निवेश- कारोबार के आधार पर विस्तार हो गया है. बता दें कि पहले जहां सूक्ष्म, लघु उद्योग श्रेणी को 25 लाख रुपए तक निवेश की सीमा थी, जो बढ़कर अब एक करोड़ हो गई है.

हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर के मुताबिक, प्रदेश सरकार ने सभी जिलों को वितीय स्वीकृति के तहत 50 करोड़ रुपए दिए हैं. वित सचिव अमित नेगी ने इसके बारे में जानकारी दी है. वहीं, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में भारी उद्योगों की संख्या पुराने मानकों पर ही 296 थीं. अब नए मानकों के अनुसार, कुछ और उद्योग मध्यम दर्ज में आ जाएंगे. इस तरह से एमएसएमई की हिस्सेदारी राज्य के कुल उद्योग जगत में 99 फीसदी से अधिक हो जाएगी.

क्या होता है एमएसएमई 
दरअसल, एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. एमएसएमई का मतलब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम है. ये देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 29 फीसदी का योगदान करते हैं. एमएसएमई सेक्टर देश में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया है. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिशन (लखनऊ चैप्टर) के कार्यकारी निदेशक डीएस वर्मा बताते हैं कि करीब 12 करोड़ लोगों की आजीविका इस क्षेत्र पर निर्भर करती है. बता दें कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई सेक्टर के लिए बड़ा एलान किया था. उन्होंने कहा कि इस सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपये तक के लोन की गारंटी सरकार देगी.

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