COVID-19 राजस्थान सूचना आयोग में वाट्सएप से सुनवाई, पहली बार एक दिन में हुआ अपील पर फैसला
- सूचना आयोग में बाड़मेर निवासी भगवानसिंह ने सोमवार एक जून को ही वाट्सएप के जरिये द्वितीय अपील की थी
जयपुर. कोरोना काल में राजस्थान सूचना आयोग ने मंगलवार को सूचना आवेदक की स्वतंत्रता से जुड़े एक मामले में व्हाट्सएप से सुनवाई की और एक ही दिन में फैसला सुनाया। यह पहला मौका है जब किसी अपील का एक ही दिन में फैसला किया गया। मुख्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने बाड़मेर निवासी भगवानसिंह की द्वितीय अपील पर यह फैसला करते हुए बाड़मेर के एसपी व एएसपी को नसीहत दी कि वे किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में 48 घंटे में सूचना देने के प्रति सावचेती बरतें।
सूचना आयोग में बाड़मेर निवासी भगवानसिंह ने सोमवार एक जून को ही वाट्सएप के जरिये द्वितीय अपील की थी। भगवानसिंह को अपने खिलाफ पुलिस थाना रामसर में दर्ज एक प्रकरण में गिरफ्तारी की आशंका थी। इसलिए, उन्होंने बाड़मेर के एएसपी से 15 मई को आरटीआई दायर कर एफआईआर व थाने के रोजनामचे की प्रतियां 48 घंटे में चाहीं थी। पुलिस ने 48 घंटे के बजाय 22 मई को आवेदन का निस्तारण किया और रोजनामचे की प्रति देने से इनकार कर दिया। भगवानसिंह ने एसपी, बाड़मेर के यहां प्रथम अपील दायर की, लेकिन 30 मई तक उस पर भी सुनवाई नहीं हुई। इस पर उसने सूचना आयोग में व्हाट्सएप पर एक जून को द्वितीय अपील दाखिल की। आयोग ने तत्काल नोटिस जारी कर एएसपी बाड़मेर खींवसिंह भाटी से स्पष्टीकरण मांगा और 2 जून को सुनवाई तय की। आयोग का नोटिस मिलने पर पुलिस ने एक जून की शाम ही भगवानसिंह को देने योग्य सूचना दे दी। मुख्य सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने अपील का निस्तारण करते हुए एसपी और एएसपी को चेतावनी दी कि जीवन व स्वतंत्रता से जुड़ी सूचनाएं 48 घंटे में देना सुनिश्चित करें।