Rajasthan: केंद्र के 1139 करोड़ रुपयों से संवरेगी प्रदेश की सड़कों की सूरत

जयपुर. पैसे की कमी से जूझ रही राजस्थान सरकार द्वारा आर्थिक सहायता नहीं देने के आरोपों का केंद्र सरकार (Central government) ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया है. केन्द्र ने राजस्थान की सड़कों के लिए 1139 करोड़ रुपए मंजूर करके प्रदेश के सड़क ढांचे (Road infrastructure) को मजबूत करने की सुखद पहल की है. केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी की ओर से 20 फरवरी 2020 को लिखे गए पत्र में मांगी गई सभी योजनाओं को मंजूरी दे दी है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे फेज के पहले बैच के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी जारी कर दी गई है.

उदयपुर पाली और टोंक को मिली सबसे ज्यादा सड़कें
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 19 जिलों के लिए मिली सड़कों की स्वीकृति को जिलेवार देखें तो उदयपुर जिले में सबसे ज्यादा 31 प्रोजेक्ट् की मंजूरी मिली है. इसके बाद पाली और टोंक जिले के 22-22 प्रोजेक्ट मंजूरी दी गई है. प्रोजेक्ट मिलने के मामले में करौली सिरोही और झुंझुनू जिले सबसे पीछे रहे. करौली के महज दो और सिरोही व झुंझुनू के तीन-तीन प्रोजेक्ट की मंजूरी मिली है. अगर लोकसभा क्षेत्र के लिहाज से देखा जाए तो पाली लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 29 प्रोजेक्ट की मंजूरी दी गई है. जिलेवार बात की जाए तो बारां को 15, बाड़मेर को 14, बीकानेर 13, धौलपुर 13, बूंदी 13, डूंगरपुर 18, जैसलमेर 9, जालोर 10, झालावाड़ 4, जोधपुर 18, कोटा 9, झुंझुनू 3, पाली 22, करौली 2, प्रतापगढ़ 5, सवाई माधोपुर 13, सिरोही 3, टोंक 22 और उदयपुर 31 प्रोजेक्ट हासिल करने में कामयाब रहे.

राज्य सरकार ने वित्तीय मदद को लेकर लगाए थे आरोप

देश में कोरोना संकट के बाद लगे लॉकडाउन और उससे उपजी आर्थिक परिस्थितियों के बाद कई प्रदेशों के साथ राजस्थान सरकार की ओर से भी केंद्र सरकार पर लगातार वित्तीय मदद को लेकर सहयोग नहीं करने के आरोप लगाए जा रहे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगियों ने केंद्र सरकार पर राज्यों को वित्तीय मदद नहीं देने के आरोप लगाए गए थे. लेकिन केन्द्र सरकार अब प्रदेश में एक साथ 237 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देकर अपने ही अंदाज में सभी आरोपों का जवाब दे दिया है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले 15 महीनों में धनराशि के अभाव में पीडब्ल्यूडी के कई प्रोजेक्ट्स को रोकना पड़ था. जबकि रोके गए सभी प्रोजेक्ट को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी थी. लेकिन धनराशि के अभाव में वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण हाथ वापस खींचने पड़े थे.

कनेक्टिंग सड़कों पर जोर
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे फेज में प्रदेश के लिए मंजूर की गई सड़कों में से ज्यादातर गांवों को बड़े कस्बों और शहरों तक ले जाने वाली सड़कों से जोड़ने पर है. इसी तरह बड़ी सड़कों तक पहुंचने के लिए बीच में पड़ने वाले गांवों की सड़कों को आपस में जोड़ने के प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. लॉकडाउन से उपजी आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. इसमें 3.50 लाख करोड़ रुपए खेती से जुड़े कामों के लिए मंजूर किए गए हैं. केंद्र की योजना किसानों द्वारा पैदा की गई फसल, सब्जियां और खाद्यान्न को जल्द से जल्द देश के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचाने की है. ऐसे में गांव से बड़े शहरों और हाईवे को जोड़ने वाली सड़कों का होना बहुत जरूरी है.

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