हरिद्वार कुंभ 2021 के बड़े निर्माण कार्यों पर लगी रोक,जरूरत पड़ने पर अस्थायी काम होंगे

कोरोना के खतरे से अगले साल प्रस्तावित हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियां भी प्रभावित हो रही हैं। शासन स्तर से  फिलहाल नए कार्यों को मंजूरी नहीं दी जा रही। मौजूदा स्थिति को देखते हुए बड़े पैमाने पर मेला आयोजन की संभावनाएं फिलहाल कम नजर आ रही हैं। 

हरिद्वार कुंभ मेला शुरू होने में अब सात महीने का ही समय बचा है। अभी मेला तैयारी के लिहाज से कई काम होने हैं, लेकिन कोरोना इफेक्ट के चलते फिलहाल दो महीने से नए काम स्वीकृत नहीं किए जा रहे हैं।

फिलहाल सड़क, पुल और घाटों के पहले से स्वीकृत और प्रारंभ कार्यों को ही पूरा किया जा रहा है। शहरी विकास के सूत्रों के मुताबिक अब यदि जरूरत पड़ी तो अस्थायी कार्य ही किए जाएंगे। 

मेला तैयारियों को देख रहे अधिकारियों के मुताबिक आयोजन में भले ही आम लोगों की भागीदारी सीमित हो, लेकिन साधु संतों की धार्मिक गतिविधियां फिर भी जारी रह सकती हैं। इस कारण सरकार को कम से कम संतों के लिए पर्याप्त इंतजाम रखने होंगे।
अब तक 400 करोड़ रुपए खर्च
मेला तैयारी पर प्रदेश सरकार अब तक चार सौ करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। अब बीते दिनों केंद्र सरकार ने भी प्रदेश को कुंभ मेला के लिए 365 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं।

सरकार इस बजट को अपने पहले से हो चुके खर्च में ही समायोजित करने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने भी अपने मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट में कुंभ मेला के लिए 12सौ करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा है। लेकिन अब उक्त बजट रिलीज जोने की संभावनाएं कम ही हैं।

 

जो काम पहले से मंजूर हैं, फिलहाल उन्हीं को पूरा किया जा रहा है। शेष आगे जो स्थितियां बनेंगी, उन पर केंद्र सरकार क्या गाइडलाइन देती है, उसी के अनुसार अमल किया जाएगा। कुंभ से पहले हमारे सामने कांवड यात्रा भी बड़ा आयोजन होना है। सब कुछ केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर ही निर्भर करेगा।
मदन कौशिक, शहरी विकास मंत्री  

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