सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में घर पहुंचाएं, 5 जून को अगली सुनवाई

नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी (Coronavirus) की वजह से 24 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन है. लॉकडाउन (Lockdown) की सबसे ज्यादा मार प्रवासी मजदूरों (Migrant Laborers) और कामगारों पर पड़ी है. कामबंदी से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर स्वत: सज्ञान लेते हुए प्रवासी मजदूरों की स्थिति पर गुरुवार को अहम सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए कि प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए उनसे रेल या बस किराया नहीं वसूला जाए. उनके किराये की व्‍यवस्‍था सरकार करें. मामले की अगली सुनवाई अब 5 जून को होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान सरकार को यह भी निर्देश दिए कि प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. अगर कोई प्रवासी मजदूर पैदल जाता पाया जाए तो तुरंत उसे आश्रय और खानपान मुहैया कराया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्‍यों की ओर से प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया कराया जाए. ट्रेनों में रेलवे की ओर से उन्‍हें भोजन और पानी मुहैया कराया जाए.

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