डिसइंफेक्टेंट से नहीं होता कोरोना का खात्मा, बिगड़ सकती है सेहत

WHO का कहना है कि गलियों में किए जाने वाले डिसइंफेक्टेंट से (Disinfectant) कोरोना वायरस (Coronavirus) का खात्मा नहीं होता है. उन्होंने कहा कि इससे उल्टा लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

जेनेवा. चीन (China) से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एक ओर जहां डॉक्टर और वैज्ञानिक दिन रात एक कर वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए हैं. वहीं, वायरस डिसइंफेक्टेंट का ​छिड़काव कर कोरोना (Corona) का असर खत्म करने की कोशिश की जा रही है. हालां​कि, सरकार की इन कोशिशों को “विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिरे से नकार दिया है. WHO का कहना है कि गलियों में किए जाने वाले डिसइंफेक्टेंट से कोरोना वायरस का खात्मा नहीं होता है. WHO ने कहा कि इससे उल्टा लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है.

कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है. यही कारण है कि दुनियाभर की सरकारों ने सतह पर रहने वाले कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव कराना शुरू किया था. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इस छिड़काव से कोई असर नहीं होने वाला है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस को खत्म करने को लेकर घर के बाहर, गलियों और बाजारों में डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव का कभी कोई सुझाव नहीं दिया गया.

WHO के मुताबिक, इससे वायरस पर कोई असर नहीं होता. अगर ये समझा जा रहा है कि केमिकल का छिड़काव करने से सतह पर मौजूद वायरस या पैथोजन को खत्म किया जा सकता, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है.
 “विश्व स्वास्थ्य संगठनकी ओर से कहा गया कि डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव से लोगों की सेहत पर गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी ​स्थिति में लोगों के ऊपर डिसइंफेक्टेंट का छिड़काव नहीं किया जाना चाहिए. क्लोरिन और दूसरे जहरीले केमिकल का छिड़काव करने से आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी हो सकती है जो किसी की भी सेहत बिगाड़ सकती है.

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