उत्तराखंड लौट रहे प्रवासी घर के पास आकर ‘अटके’, इस वजह से दिक्कत झेलने को मजबूर
रामनगर में इन दिनों अल्मोड़ा जाने वाले रोज़ करीब डेढ़ हजार लोग आ रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य जांच में लगी 3 टीमें नाकाफ़ी लग रही हैं.
रामनगर. कोरोनावायरस की वजह से विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासी उत्तराखंडी अब वापस लौट रहे हैं लेकिन उनका घर तक पहुंचना आसान नहीं लग रहा. सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर जब ये लोग अपने जिले की दहलीज (सीमा) पर पहुंच रहे हैं तो घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. रामनगर में मेडिकल टीमों की कमी की वजह से तीन जिले के प्रवासियों को कई किलोमीटर लंबी लाइन में अपनी जांच के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. कोढ़ में खाज यह है कि प्रशासन की तरफ से यहां पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है.
लौट रहे प्रवासियों की जांच के लिए टीम नाकाफी
रामनगर में तीन जिले के प्रवासी अपने घर जाने के लिए लाइनों में लगे हुए हैं. अल्मोड़ा जिले के सल्ट तहसील के लिए इन लोगों को रामनगर से होकर जाना पड़ता है. पौड़ी और चमोली के भी कई इलाके को यही सड़क जोड़ती है. ऐसे में इस मार्ग पर रोज तकरीबन हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.
अल्मोड़ा जिले में जाने वालों के लिए अल्मोड़ा जिला प्रशासन ने मोहान में मेडिकल चेकअप कैंप लगाया हुआ है. यहां तीन मेडिकल टीमें लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही हैं. लेकिन यहां इन दिनों रोज करीब डेढ़ हजार लोग आ रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तीन टीमें यहां नाकाफी लग रही हैं.
लंबी लाइन से बच्चे भी हो रहे परेशान
प्रवासियों की बड़ी संख्या के चलते इस रोड पर कई किलोमीटर लंबी लाइनें लग जा रही हैं. इसकी वजह से अपने घर की दहलीज यानी जिले के बॉर्डर पर पहुंचकर लोगों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा है. इससे लोगों को इस तपती दोपहरी में खाने-पीने की भी परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. यहां आने वाले लोगो में दिल्ली और हरियाणा से आने वालों की तादाद अधिक है. दिल्ली से अपने घर मौलेखाल जा रहे हरीश ने बताया कि वो सुबह पांच बजे अपने परिवार के साथ इस बॉर्डर के पास पहुंच गए थे लेकिन 11 बजे तक जाम में अभी उनकी गाड़ी सरक रही थी. इससे उनके बच्चों को काफी परेशानी महसूस हो रही थी.
दिक्कत इसलिए भी ज्यादा महसूस हो रही थी क्योंकि प्रशासन की ओर से यहां पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है. सल्ट के एसडीएम राहुल शाह बताते हैं कि उन्होंने जनता की सुविधा के लिए दो स्थानों पर काउंटर लगाए हुए हैं लेकिन लोग उम्मीद से ज्यादा आ रहे हैं. चेकअप करने वाली टीम तीन ही हैं इसलिए एक समय में तीन लोगों का ही स्वास्थ्य परीक्षण हो सकता है.
हालांकि अब एसडीएम मेडिकल टीम बढ़ाने की बात कर रहे हैं.
कोरोना की वजह से गांवों में सौहार्द बिगड़ा
अल्मोड़ा और उत्तरकाशी में घर लौटे प्रवासियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने इस बारे में सरकार से जवाब तलब किया है. दूसरी तरफ इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार की गलती की वजह से गांवों का माहौल खराब हो रहा है, आपसी सौहार्द बिगड़ रहा है. कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री के लौटने वाले प्रवासियों में से 25,000 लोगों के कोरोना संक्रमित होने के बयान ने आग में घी का काम किया है. जो लोग मजबूरी में, जान बचाने के लिए अपने घर लौट रहे हैं गांव वाले उन्हें दुश्मनी की नजर से देखने लगे हैं, कई जगह मारपीट की नौबत आ गई है. इससे बचा जा सकता था अगर सरकार इन लोगों को सीधे घर भेजने के बजाय मैदानी क्षेत्रों में ही होम क्वारंटाइन करती.