Covid-19 Effect: देहरादून के करीब 24 हज़ार स्टूडेंट्स को इस साल स्कॉलरशिप मिलना मुश्किल
देहरादून. देहरादून के 23,966 स्टूडेंटस को समाज कल्याण विभाग से इस बार स्कॉलरशिप मिलने की संभावना कम ही है. लॉकडाउन की वजह से स्कॉलरशिप करीब दो साल पीछे खिसक सकती है क्योंकि अभी तक साल 2019-20 में दी जाने वाली स्कॉलरशिप ही स्टूडेंटस को नही मिल पाई है. अभी तक स्टूडेंट्स का वैरिफ़िकेशन ही पूरा नहीं हो पाया है और अब स्कूल-कॉलेज बंद होने की वजह से विभाग के हाथ बंध चुके हैं. मौजूदा स्थितियों को देखते हुए सत्यापन कब तक होगा और फिर शासन से बजट आएगा कब तक आएगा यह कहना मुश्किल है.
फ़िजिकल वैरिफ़िकेशन में दिक्कत
समाज कल्याण विभाग की ऑनलाइन साइट पर अपनी डिटेल भरने और डॉक्यूमेंट अटैच करने के बाद स्टूडेंट्स का वैरिफ़िकेशन होता है. संबंधित कॉलेज की ओर से स्टूडेंट्स के नाम, पते, क्लास वैरिफ़ाइ करने के बाद विभाग की ओर से शासन को बजट के लिए प्रस्ताव भेजा जाता है.
इस बीच यदि कोई स्टूडेंट क्लास पास कर गया या उसकी डिटेल कुछ अलग हो गई और कॉलेज ने उसे वैरिफ़ाइ नहीं किया तो स्कॉलरशिप देने से इनकार भी कर दिया जाता है.
स्कॉलरशिप के भरोसे कई स्टूडेंट्स लोन लेकर पढ़ाई कर रहे हैं तो कुछ कर्ज़ लेकर पढ़ाई करते हैं कि स्कॉलरशिप मिलने पर यह पैसा लौटा दिया जाएगा.
छात्रवृत्ति
2019 में विभिन्न छात्रवृत्तियों के लिए कुल 23,966 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था. समाज कल्याण विभाग अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स को पहली से पांचवीं क्लास तक 600 रुपये, छठी से आठवीं तक 960 रुपये और क्लास नवीं-दसवीं के लिए 4500 रुपये सालाना छात्रवृत्ति देता है.
ओबीसी स्टूडेंटस को पहली क्लास से दसवीं तक 1500 रुपये सालाना छात्रवृत्ति मिलती है तो डिसेबिलिटी स्कॉलरशिप पहली से पांचवीं तक 600 रुपये है तो छठी से आठवीं तक 960 रुपये.
कोरोना से लटकी प्रक्रिया
देहरादून की ज़िला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे कहती हैं कि विभाग के पास 15 मार्च तक सभी आवेदन आ गए थे और इस बार तेजी दिखाते हुए जल्द से जल्द वैरिफ़िकेशन के बाद स्टूडेंटस की स्कॉलरशिप देने की तैयारी में थे. लेकिन अब कोरोना के चलते इस प्रक्रिया में कितनी देर होगी, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.