राज्यों को मिल सकता है और आर्थिक पैकेज, जानिए पूरी खबर
नई दिल्ली,VON NEWS: कोरोनावायरस के इलाज के लिए राज्यों को केंद्र सरकार की तरफ से अभी और वित्तीय पैकेज मिल सकता है। भारत में अधिकतर राज्यों ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) में स्वास्थ्य सेवा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का अधिकतम दो फीसद खर्च करने का प्रावधान किया है। लेकिन कोरोना के बढ़ते फैलाव को देखते हुए उन्हें इस खर्च को बढ़ाना होगा। स्वास्थ्य सेवा पर राज्य अपने जीडीपी (जीएसडीपी) का एक फीसद भी अतिरिक्त खर्च करते हैं तो उनका राजकोषीय घाटा तीन फीसद के पार जा सकता है। इसलिए केंद्र की तरफ से उन्हें और वित्तीय मदद दी जा सकती है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से लड़ने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के हेल्थ पैकेज का एलान किया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 4,113 करोड़ रुपये तात्कालिक तौर पर राज्यों को कोविड-19 के इलाज पर खर्च के लिए दिए जा चुके हैं।
राज्यों में संक्रमित रोगियों में 69.47 फीसद सांस के तीव्र इंफेक्शन वाले रोगी पाए गए। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संकट के दौरान इन रोगियों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है और राज्यों को भी इन बातों को ध्यान में रखते हुए अपने स्वास्थ्य खर्च की तैयारी रखनी चाहिए।
देश के प्रमुख 19 राज्य अगर अपने जीएसडीपी के एक फीसद अतिरिक्त खर्च स्वास्थ्य सेवा पर करते हैं तो यह 1.6 लाख करोड़ रुपये होगा, लेकिन इस अतिरिक्त खर्च से इन राज्यों का राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.06 फीसद से बढ़कर 3.5 फीसद तक जा सकता है। उनका यह भी कहना है इस दौरान राजकोषीय घाटे की चिंता करना मूर्खता भरा कदम होगा और इस समय में केंद्र सरकार को राज्यों को पूरी मदद करनी चाहिए।
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