स्टेज 1: इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति ऐसे देश से यात्र कर लौटा है, जहां कोरोना संक्रमण पहले से है और वह अपने साथ संक्रमण लेकर आया। इस स्टेज में संक्रमण सिर्फ यात्र करने वाले व्यक्ति तक सीमित रहता है। इसकी रोकथाम सबसे आसान काम है।
स्टेज 2: इस चरण में अपने साथ संक्रमण लेकर लौटा व्यक्ति अपने परिवार, रिश्तेदार या किसी अन्य परिचित को संक्रमित कर देता है। हालांकि, ऐसे संपर्को की पहचान करना अधिक मुश्किल काम नहीं। इस स्टेज को लोकल ट्रांसमिशन कहा जाता है।
स्टेज 3: यह चरण कम्युनिटी ट्रांसमिशन कहलाता है। जोकि काफी खतरनाक होता है। इस स्टेज में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति का न तो यात्र का इतिहास होता है और न ही वह किसी परिचित संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है। यानी कि संक्रमित व्यक्ति को यह पता ही नहीं होता कि उसके शरीर में वायरस ने कहां से प्रवेश किया। इसकी रोकथाम बेहद मुश्किल काम है।
स्टेज 4: यह चरण बेहद भयानक और महामारी के समान होता है। संबंधित क्षेत्र में हर कहीं वायरस से संक्रमित व्यक्ति सामने आने लगते हैं। ऐसी स्थिति को कैसे काबू किया जाए, समझ में नहीं आता। चीन इस स्टेज में पहले ही प्रवेश कर चुका है।