लॉकडाउन से कार्बन उत्सर्जन में ऐतिहासिक गिरावट

लंदन,VON NEWS: कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अमेरिका, भारत समेत सैकड़ों देशों में लॉकडॉउन के कारण भले ही अर्थ व्यवस्थाएं थम गई हों। लेकिन दुनिया भर में बड़े पैमाने पर औद्योगिक और मानवीय गतिविधियां कम होने से पिछले कुछ ही दिनों में पर्यावरण में बेहतरीन सुधार आया है। पूरे विश्व में कार्बन उत्सर्जन इस साल इतना अधिक कम हो गया है जितना 75 साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था। कार्बन उत्सर्जन के आंकड़े जुटाने वाले विश्व भर के वैज्ञानिकों के अनुसार साल दर साल इसी रफ्तार से कार्बन उत्सर्जन 5 फीसद तक कम हो सकता है।

वैश्विक कार्बन उत्सर्जन का हिसाब रखने वाले ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के चेयरमैन रॉब जैक्सन का कहना है कि 2008 के वित्तीय संकट के बाद 1.4 फीसद कार्बन उत्सर्जन में कमी आई थी जो अब पांच फीसद तक हो सकती है।

कैलीफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी अर्थ सिस्टम साइंस के प्रोफेशर जैक्सन ने कहा कि इस साल कार्बन उत्सर्जन में पांच फीसद या उससे भी ज्यादा की गिरावट आश्चर्यजनक होने वाली है। ऐसा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि कितने ही बड़े संकट आए हों, चाहे सोवियत संघ का विघटन हो, तेल संकट हो या बैंकों के कर्ज का संकट हो, कभी भी उसका पर्यावरण पर इतना अच्छा प्रभाव नहीं पड़ा है।

लेकिन इस लॉकडाउन ने औद्योगिक इकाइयों, एयरलाइनों और सभी प्रकार की मानवीय गतिविधियों की रोकथाम कर दी है। नतीजतन, पिछले 50 सालों में किसी संकट ने कार्बन उत्सर्जन पर इतना असर नहीं डाला जितना कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए विभिन्न देशों में किए गए लॉकडाउन ने किया है।

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