उत्तराखंड में वन्यजीव सुरक्षा को हाई अलर्ट जारी,
देहरादून,VON NEWS: लॉकडाउन के चलते समूचे राज्य की सीमाएं सील हैं, लेकिन उत्तराखंड के जंगलों में शिकारियों और तस्करों की घुसपैठ की आशंका बनी हुई है। इसे देखते हुए राज्य में वन्यजीव सुरक्षा को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। सभी संरक्षित क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गई है। गश्त तेज करने और वन्यजीव पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां में तैनात तैनात कर्मियों को भी इसमें शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन से निगहबानी करने को भी कहा गया है।
लॉकडाउन के चलते आवाजाही कम होने से वन्यजीव सुरक्षा के लिहाज से महकमे की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। इस दरम्यान जंगलों में शिकारियों और तस्करों की घुसपैठ की आशंका से महकमा सहमा हुआ है। वैसे भी अप्रैल से मानसून आने की अवधि को संवेदनशील वक्त माना जाता है। इस दरम्यान ही मैदानी इलाकों में शिकारियों और तस्करों की घुसपैठ ज्यादा होती है। वहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में इन दिनों वन्यजीव निचले इलाकों की तरफ आते हैं, जिससे उनके शिकार की संभावना अधिक बढ़ जाती है।
इस सबको देखते हुए वन्यजीव महकमे ने राज्य में हाई अलर्ट जारी करने के साथ ही चौकसी बढ़ा दी है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी के अनुसार सभी छह नेशनल पार्क, सात अभयारण्य और चार कंजर्वेशन रिजर्व प्रशासन को संरक्षित क्षेत्र में सघन गश्त के निर्देश दिए गए हैं। विशेषकर रात्रि गश्त के साथ ही सीमाओं पर विशेष रूप से निगहबानी को कहा गया है।
पांच से 11 अप्रैल तक रात्रि में विशेष गश्त
कृष्ण पक्ष ने भी वन्यजीव महकमे की नींद उड़ा दी है। कृष्ण पक्ष में चांद देर से निकलता है और अंधेरे का फायदा उठाकर कोई जंगल में घुस गया तो उसे देखना मुश्किल होगा। कैमरा ट्रैप में भी उसकी तस्वीर कैद नहीं हो पाएगी। इसी के दृष्टिगत मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने संरक्षित क्षेत्रों में पांच से 11 अप्रैल तक रात्रि के वक्त विशेष गश्त के निर्देश जारी किए हैं।
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