UP सरकार ने लगाई सार्वजनिक स्थल पर नमाज अदा करने पर रोक,
लखनऊ,VON NEWS: कारोना वायरस के उत्तर प्रदेश में बढ़ते संक्रमण पर अंकुश लगाने को प्रयासरत सीएम योगी आदित्यनाथ अब तब्लीगी जमात की हरकत के कारण भी काफी चिंतित हैं। लखनऊ में गुरुवार को अधिकारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने प्रदेश में अब सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढऩे पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सभी अधिकारियों को इसका सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया।
कोरोना वायरस के प्रदेश में प्रभाव और लॉकडाउन की समीक्षा लगातार कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उच्चस्तरीय बैठक में फिलहाल सबसे ज्यादा चिंता तब्लीगी जमात को लेकर ही है। दिल्ली के आयोजन से सतर्क मुख्यमंत्री ने टीम-11 की बैठक में सख्त निर्देश दिए कि सावर्जनिक स्थल पर नमाज कतई न पढऩे दी जाए। इसके अलावा जो भी जमाती पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ असहयोग या बदसलूकी करें, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहले गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए गठित 11 कमेटियों के शीर्ष अधिकारियों (टीम-11) के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सौ फीसद पालन कराया जाए।
पुलिसकर्मी संवेदनशीलता के साथ लोगों को समझाएं। कानून का पालन न करने पर वैधानिक कार्रवाई करें। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तब्लीगी जमात से लौटे हर व्यक्ति को हर हाल में ढूंढ निकाला जाए। उसकी पूरी निगरानी हो। जो विदेशी हैं, उनके पासपोर्ट जब्त कर जांच करें। कानून तोड़ा है तो एनडीआरएफ एक्ट के तहत कार्रवाई करें। जिन्होंने छुपाया है या अवैध ढंग से शरण दी है, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए
उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमात से जुड़े जिन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, उनकी सख्ती से निगरानी करें। सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य के सारे प्रोटोकॉल का सख्ती से उनसे पालन कराएं। यदि वे पुलिसकर्मियों या स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सहयोग न करें और बदसलूकी करें तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि तबलीगी जमात की गलतियों का खामियाजा पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों और प्रदेशवासियों को नहीं भुगतने देंगे।
क्वारंटाइन सेंटर से कोई भागा तो डीएम-एसपी होंगे जिम्मेदार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हर व्यक्ति को भोजन मिले। कोई भूखा नहीं रहना चाहिए। शेल्टर होम अच्छे बनाए जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो। भोजन के साथ एक वक्त चाय भी अवश्य दें। खुद डीएम शेल्टर होम की जिम्मेदारी देखें। उन्होंने कहा कि क्वांरटाइन सेंटरों में भी अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। भोजन आदि का बेहतर प्रबंध हो। साथ ही सुरक्षा की पूरी व्यवस्था हो, ताकि कोई मरीज भाग न सके। ऐसा होने पर डीएम और एसपी सीधे तौर पर जवाबदेह होंगे।
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