कोरोना वायरस का ख़तरा ई-सिगरेट या स्मोकिंग से बढ़ सकता है
नई दिल्ली, VON NEWS: वैसे तो कोरोना वायरस जितना उम्रदराज़ों के लिए ख़तरनाक है उतना ही नौजवानों के लिए भी। खासकर ये उन लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, जैसे दिल की बीमारी, सांस से जुड़ी बीमारी, डायबिटीज़ या फिर कैंसर। इसके अलावा ऐसे लोग जो ई-सिगरेट यानी वेपिंग का इस्तेमाल करते हैं
उनके भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के आसार ज़्यादा हैं। ये एक रिपोर्ट में पहले ही साबित हो चुका है कि जिन लोगों को दिल और फेफड़े से संबंधित कोई समस्या होती है, उनके लिए कोरोना वायरस बेहद ख़तरनाक है। ऐसे में ई-सिगरेट, सिगरेट, तंबाकू के शौक़ीन लोगों के लिए ये ख़तरा और भी बढ़ जाता है।
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के प्रवक्ता माइकल फेल्बेरबॉम का कहना है, “जो लोग पहले से ही दिल और फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त हैं, उनके लिए COVID-19 जानलेवा साबित हो सकता है। इसमें वो लोग भी शामिल हैं जो ई-सिगरेट या सिगरेट, तंबाकू या निकोटीन युक्त पर्दाथों का सेवन करते हैं। ई-सिगरेट फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं।”
इस बारे में कई अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित युवाओं के मामले अनुमान से कहीं ज़्यादा देखने को मिल रहे हैं, जिसके पीछे वेपिंग यानी ई-सिगरेट्स एक बड़ा कारण हो सकती है।
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रग अब्यूज़ की प्रमुख, नोरा वॉलको, ने हाल ही में एक ब्लॉग में चेतावनी देते हुए लिखा कि कोरोना वायरस तंबाकू, चरस या जो लग धूम्रपान या ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए एक विशेष रूप से गंभीर ख़तरा साबित हो सकता
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