दुनियाभर में मंदी की आहट
नई दिल्ली, VON NEWS: दुनियाभर की प्रमुख रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि Coronavirus से जुड़े संकट ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल दिया है। Goldman Sachs, Morgan Stanley एवं S&P के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि अब चर्चा इस विषय पर केंद्रित है कि यह दौर कितना लंबा चलेगा और इसका असर कितना गंभीर होने वाला है। इन एजेंसियों ने ऐसे समय में मंदी की आशंका जाहिर की है जब एक दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि था कि उनका देश भी इससे बुरी तरह प्रभावित होने वाला है। इस तरह देखा जाए तो हम इस दौर में पहुंच गए हैं जब दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों को अपना मत बदलना पड़ सकता है कि वित्तीय संकट के बाद पहली बार विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी को टाल सकती है।
इन वजहों से बदलें अर्थशास्त्रियों के मत
चेतन आह्या की अगुवाई में Morgan Stanley की टीम ने मंदी की आहट से जुड़ी आशंका जाहिर की है। उनका कहना है कि इस साल ग्रोथ घटकर 0.9% पर आ सकती है। Goldman Sachs के Jan Hatzius और उनके सहकर्मियों ने वृद्धि दर के घटकर 1.25% पर रहने की आशंका जाहिर की है। इससे पहले एकअन्य प्रमुख रेटिंग एजेंसी S&P ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में प्रवेश’ कर रही है। S&P Global Ratings के चीफ एशिया पैसिफिक इकोनॉमिस्ट Shaun Roache का कहना है कि पहले क्वार्टर में चीन की इकोनॉमी को धक्का लगने, पूरे यूरोप और अमेरिका में कामकाज ठप पड़ने से एशिया पैसिफिक क्षेत्र में जबरदस्त मंदी की आशंका दिख रही है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक इस तरह की गिरावट 2009 के 0.8% के मुकाबले कम ही होगी। हालांकि, ये हालात, 2001 और 1990 की शुरुआत से अधिक खराब हो सकते हैं। Morgan Stanley और Goldman Sachs दोनों ने दूसरी छमाही में सुधार का अनुमान लगाया है। हालांकि, साथ ही आगाह किया है कि अगर कोरोना से जुड़ा संकट लंबा चला तो स्थिति ज्यादा विकट हो सकती है।
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