स्‍लाटर हाउसों के मामले में डीएम से दो दिन में मांगी रिपोर्ट

नैनीताल, VON NEWS: हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दून वैली में जिंदा जानवरों के आयात पर रोक लगाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी देहरादून से दो दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है । कोर्ट ने यह भी पूछा है कि देहरादून में कितने अवैध स्लाटर हाउस चल रहे हैं और मीट कहा से आ रहा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ में देहरादून निवासी वरुण सोबती को जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिका में कहा है कि 29 सितम्बर 2018 को हाईकोर्ट ने राज्य में अवैध रूप से चल रहे स्लाटर हाउस बंद करने व खुले में पशु वध पर रोक लगाने के निर्देश सरकार को दिए थे। वहीं केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर दून वैली को रेड जोन में रखा है। देहरादून में कोई भी स्लाटर हाउस नहीं होने के बावजूद यहां जिंदा जानवरों का दून वैली में आयात किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने दून वैली में जिंदा जानवरों के आयात पर पूर्णतः रोक लगाने की मांग की है। दलील में कहा कि गया है चीन में कोरोना का वायरस भी पशुओं की मंडी से फैला है। ऐसे में जिंदा जानवरों को लाने व उनके वध पर रोक लगाने का आदेश पारित करने की याचना की गई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरिगुप्ता ने बताया कि देहरादून घाटी के लिए 1989 व 2020 में अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी किए हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिए थे ये निर्देश

दो मार्च हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी दून को दो सप्ताह में यह बताने का निर्देश दिया था दून घाटी में कितने स्लाटर हाउस हैं, जिनके पास भारत सरकार की एनओसी है। साथ ही ऐसे कितने स्लाटर हाउस रेड कैटेगरी में हैं, जिनका रोजाना वेस्टेज 500 किलो लीटर से अधिक है। कोर्ट ने डीएम से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तिथि नियत की थी।

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