12 साल में पहली बार शेयर बाजार में रुका कारोबार
नई दिल्ली, VON NEWS: शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार खुले और कुछ मिनटों के भीतर ही कारोबार 45 मिनट के लिए रोक देना पड़ा। निफ्टी50 10 फीसद से ज्यादा टूट गया था वहीं बीएसई का सेंसेक्स भी 9.4 फीसद टूटकर 29867 के स्तर पर आ गया था। 12 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब भारतीय शेयर बाजार में कुछ समय के लिए कारोबार रोकना पड़ा। ऐसा लोअर सर्किट लगने की वजह से हुआ।
क्या होता है Lower Circuit Breaker?
SEBI के 2 जुलाई 2001 के दिशानिर्देशों के अनुसार, भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों को इंडेक्स आधारित सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल करना होता है। इंडेक्स आधारित सर्किट ब्रेकर सिस्टम सूचकांकों की गतिविधियों को देखते हुए 3 चरणों में लागू किया जाता है। यह 10 फीसद, 15 फीसद और 20 फीसद के स्तर पर लगाया जाता है। सर्किट ब्रेकर लगने के बाद इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग रोक दी जाती है। देश के दो बड़े एक्सचेंजों- NSE और BSE के संवेदी सूचकांकों निफ्टी या सेंसेक्स- दोनों में से कोई भी 10 फीसद, 15 फीसद या 20 फीसद के स्तर को पार करता है तो दोनों एक्सचेंजों पर कारोबार रोक दिया जाता है।
सर्किट हटने के बाद शुरू होता है Pre Open Session
सर्किट लगने के बाद फिर से कारोबार शुरू होने से पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। इसमें शेयर बाजार की गहराई और स्थिति देखी जाती है। प्री ओपन सेशन तब शुरू नहीं होता जब कारोबार पूरे दिन के लिए रोक दिया जाए।
सर्किट लगने के बाद कब और कितनी देर के लिए रुकता है कारोबार?
शेयर बाजार में गिरावट के स्तर और वक्त को देखते हुए यह निर्धारित होता है कि कारोबार कितनी देर के लिए रुकेगा।
समय कितनी देर के लिए रुकेगा कारोबार
10 बजे से पहले 10 फीसद की हलचल 45 मिनट
1 बजे से 2.30 के बीच 10% की हलचल 15 मिनट
2.30 बजे के बाद 10 फीसद की हलचल कारोबार नहीं रुकेगा
1 बजे से पहले 15 फीसद की हलचल 1 घंटा 45 मिनट
1 बजे से लेकर 2 बजे तक 15% की हलचल 2 घंटा 45 मिनट
2 बजे के बाद 15 फीसद की हलचल पूरे दिन के लिए कारोबार बंद
20 फीसद की हलचल चाहे जब भी हो पूरे दिन के लिए कारोबार बंद
कैसे होता है Circuit Breaker का निर्धारण?
BSE और NSE प्रतिदिन पिछले दिन के क्लोजिंग लेवल के आधार पर 10 फीसद, 15 फीसद और 20 फीसद के हिसाब से इंडेक्स सर्किट ब्रेकर निर्धारित करते हैं।
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