फर्जी नियुक्ति की सूचना छिपाई

देहरादून,VON NEWS: एक शिक्षक पर फर्जी बीटीसी और स्थायी निवास प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने के आरोप को लेकर मांगी गई सूचना शिक्षाधिकारियों ने छिपा दी। इसको लेकर सूचना आयोग ने हरिद्वार की उप शिक्षाधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही सूचना देने के नियमों का पाठ भी पढ़ाया।

शिक्षक की नियुक्ति की सूचना मुरादाबाद निवासी जैनब जुहा ने मांगी थी। लोक सूचनाधिकारी/उप शिक्षाधिकारी (बहादराबाद) की ओर से सूचना न देने पर उन्होंने जिला शिक्षाधिकारी (प्रारंभिक) के पास अपील की। गंभीर यह कि जिला शिक्षाधिकारी ने अपील का निस्तारण तक नहीं किया। मजबूरन आवेदक को सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाना पड़ा। प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त जेपी ममगाईं ने पाया कि शिक्षाधिकारियों ने बिना कारण मांगी गई सूचना को व्यक्तिगत श्रेणी की सूचना बताकर देने से इन्कार किया गया।

इस मामले में संबंधित शिक्षक ने भी अपने दस्तावेजों को न देने को लेकर सूचित नहीं किया है। हालांकि, इस बीच विलंब से सूचना दे दी गई। इस पर राज्य सूचना आयुक्त ने विलंब से सूचना देने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। इसका कोई भी जवाब न मिलने पर आयोग ने उप शिक्षाधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए जिला शिक्षाधिकारी को वसूली की जिम्मेदारी दी

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर कहा कि तब तक कोई तृतीय पक्ष की सूचना व्यक्तिगत नहीं होती, जब तक उसे संबंधित पक्ष ने प्रतिबंधित न किया हो। ऐसे मामलों में तृतीय पक्ष को नोटिस भी जारी किया जाता है। इसके अलावा आयोग ने अपनी टिप्पणी में कहा कि नियुक्ति संबंधी दस्तावेज (शैक्षिक, मूल/स्थायी निवास प्रमाण पत्र) अभ्यर्थी नियोक्ता के कार्यालय में जमा करता है। इस तरह वह दस्तावेज लोक दस्तावेज की श्रेणी में आते हैं। ऐसे दस्तावेजों का प्रकटन प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि अभ्यर्थी उन्हें बिना शर्त जमा करते हैं

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