ज्योतिरादित्य को लाने में गायकवाड राजपरिवार
अहमदाबाद,VON NEWS: कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ ने के बाद मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार बहुमत के संकट से गुजर रही है उधर ज्योतिरादित्य व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मध्यस्थता में वडोदरा के राजपरिवार का नाम सामने आया है।
ग्वालियर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य व कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया वडोदरा के गायकवाड राजपरिवार के जवांई हैं, उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे गायकवाड वडोदरा राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य समरजीत सिंह गायकवाड के भाई संग्रामसिंह गायकवाड की पुत्री हैं।
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार से 6 मंत्री व 20 विधायक अलग कर राजनीतिक उठापटक में अहम भूमिका निभा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह के बीच मध्यस्थता में गायकवाड परिवार का नाम सामने आ रहा है।
बताया जा रहा है कि सोमवार को ज्योतिरादित्य के कांग्रेस से अलग होकर भाजपा में शामिल होने के ऑपरेशन पर चर्चा के लिए अमित शाह के आवास पर सोमवार को मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह, भाजपा अध्यक्षजे पी नड्डा सिलसिलेवार बैठकें हुईं उसके बाद वडोदरा राजपरिवार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ज्योतिरादित्य का प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का वक्त व तारीख तय हुई।
प्रधानमंत्री मोदी व गृहमंत्री शाह से मुलाकात के बाद ही ज्योतिरादित्य ने तुरंत कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। 18 साल जिस दल में रहकर विधायक, सांसद व केंद्रीय मंत्री व अन्य कई अहम पदों पर रहनेके बाद ज्योतिरादित्य ने तुरंत अलविदा कह दिया, उनका भाजपा में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है लेकिन कांग्रेस व भाजपा के विधायकों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाने के साथ विधानसभा में बहुमत साबित करने तक की उठापटक के बीच अभी यह तय नहीं हो सका।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के गुरुवार को राज्यसभा के लिए नामांकन भरने तथा ज्योतिरादित्य को इसी दिन भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की अटकलें लगाई जा रही है लेकिन ज्योतिरादित्य कांग्रेस व भाजपा विधायकों को साधने में कितने सफल होंगे यह उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगा।
ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शिनी लंबे समय तक एक दूसरे को िमलते रहे तथा वर्ष 1994 में दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। प्रियदर्शिनी का बचपन मुंबई में वडोदरा हाउस में बीता जहां उनके पिता संग्रामसिंह भी उनके साथ ही रहते थे। वडोदरा इंदुमती पैलेस व नजरबाग पैलेस भी उनके हिस्से में आया था।
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