ताशी-नुंग्शी अब तक दस दुर्गम चोटियों पर गाड़ चुकी हैं देश का झंडा
देहरादून,VON NEWS: पर्वतारोहण की दुनियां में कई झंडे गाड़ चुकी ताशी-नुंग्शी मलिक के हिमालय जैसे साहस को महिला दिवस के मौके पर नारी शक्ति सम्मान मिला। ताशी-नुंग्शी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों यह सम्मान मिला। उनको यह सम्मान मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए पिता कर्नल वीएस कर्नल ने कहा कि बेटियां किसी मायने में बेटों से कम नहीं होती।
ताशी-नुंग्शी अब तक 10 दुर्गम चोटियां को फतह कर चुकी हैं। उनके पिता कर्नल वीए मलिक कहते हैं यह सफलता उन्हें एक दिन में नहीं मिली। यह पूरे परिवार के समर्पण का नतीजा है। मूल रूप से ताशी-नुंग्शी सोनीपत जिले (हरियाणा) के आंवली गांव की निवासी हैं।
उनके पिता कर्नल (अप्रा) वीएस मलिक ने ही दोनों को शिखर पर पहुंचाने का सपना देखा था। फिलहाल उनका परिवार दून के जोहड़ी गांव में रह रहा है। उनके पिता कर्नल मलिक ने बताया कि हमारा परिवार ऐसे परिवेश से आता हैं, जहां बेटियों को पराया धन माना जाता है। इस सोच को बदलने और समाज से ऊपर उठने की ठानी। साल 2010 में बेटियों का दाखिला उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में करवा दिया।
2013- दुनिया के सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट
2013- यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट अल्ब्रास
2014- साउथ अमेरिका में माउंट अकांकागुआ, माउंट कारसटेंज पिरामिड (ऑस्ट्रेलिया), माउंट मैक्नली (उत्तरी अमेरिका), मांउट विनसन (अंटार्कटिका), दक्षिण ध्रुव अभियान
2015- उत्तरी ध्रुव अभियान, माउंट किलीमंजारो (अफ्रीका)
यह भी पढ़े