उमर खालिद पर दंगा भीड़ को उकसाने वाला बयान देने का आरोप

VON NEWS: बख्शी के मुताबिक, उमर ने बीते 17 फरवरी 2020 को अमरावती में राष्ट्रविरोधी भाषण दिया था। उसे पता था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 24 फरवरी को भारत आ रहे हैं। उमर खालिद के भाषण की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने से एक दिन पहले (23 फरवरी) को दिल्ली में दंगे शुरू हो गए। जिसमें 47 लोगों की मौत हो गई , करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि मैंने यूट्यूब पर उसका भाषण सुना है, जिसमें वह कह रहा है कि हम वादा करते हैं कि 24 तारीख को जब डोनाल्ड ट्रम्प भारत आएंगे तो हम बताएंगे कि हिंदूस्तान की सरकार देश को बांटने का काम कर रही है। महात्मा गांधी के उसूलों की धज्जियां उड़ा रही है। हिंदुस्तान की अवाम इसके खिलाफ लड़ रही है। हम तमाम लोग सड़कों पर निकल आएंगे।

जेएनयू में देश विरोधी नारों के बाद चर्चा में आया था उमर खालिद
उमर जब जेएनयू में पीएचडी की पढ़ाई कर रहा था तब भी उसने अपने साथियों के साथ देश विरोधी नारे लगाए थे। पुलिस ने उमर खालिद और उसके साथियों के खिलाफ राज्यद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था। इसमें वो जेल भी गया था और जमानत पर बाहर आया है। 2019 में दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है।

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