आज भी नहीं सुधरी महिलाओं की हालत, 10 में से 9 मर्द करते हैं भेदभाव
VON NEWS: महिला सशक्तिकरण को लेकर आज पूरी दुनिया में कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। लैंगिक समानता के क्षेत्र में सुधार के बावजूद आज भी दुनियाभर के हर 10 में से 9 लोग महिलाओं के साथ भेदभाव करते हैं या फिर पूर्वाग्रह रखते हैं। 28 फीसदी लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं का मानना है कि पत्नी की पिटाई जायज है।
वहीं, 30 देशों में महिलाओं के प्रति सोच बदली है। स्कूलों में लड़कियों की संख्या अब लड़कों के बराबर हो गई है। यूएन के मानव विकास के प्रमुख पैड्रो कॉन्सिकाओ ने यह जानकारी दी। 1990 के बाद से मातृत्व से जुड़ी बीमारियों से मौतों की संख्या भी 45 फीसदी घटी है।
सबसे बड़ी समस्या लैंगिक असमानता अभी भी बनी हुई है, खास तौर पर ऐसे क्षेत्रों में जहां महिलाओं को ताकत या पावर से जुड़े पदों पर चुनौती मिलती हो। एक ही काम के लिए महिलाओं को पुरुषों से कम वेतन मिलता है। ऊंचे पदों पर भी पहुंचने के कम मौके मिलते हैं।
महिलाओं के साथ भेदभाव में पाकिस्तान पहले नंबर पर है। वहीं भारत छठे स्थान पर है। पाकिस्तान में 99.81, कतर में 99.33, नाइजीरिया में 99.33, मलयेशिया में 98.54, ईरान में 98.54 और भारत में 98.28 फीसदी लोग महिलाओं के साथ भेदभाव करते हैं।
दुनियाभर में महज 24 फीसदी संसदीय सीटों पर महिलाएं चुनी गई हैं। 193 में से सिर्फ 10 देशों में सत्ता की कमान महिलाओं के हाथों में है। पुरुषों की तुलना में वे ज्यादा घंटों तक काम करती हैं, फिर भी कई कामों का उन्हें कोई मेहनताना तक नहीं मिलता।