उत्तराखंड :भव्य कुंभ के जरिये पर्यटकों को दिया जाएगा संदेश
देहरादून,VON NEWS: उत्तराखंड में इस वर्ष पर्यटन को सरकार ने रोजगार से भी जोड़ने का प्रयास किया है। विभागीय बजट में जहां मुख्य फोकस ग्रीन भव्य व ग्रीन कुंभ करने पर रखा है, तो वहीं होम स्टे योजना व वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में अनुदान देने का प्रविधान भी बजट में किया गया है।
प्रदेश के लोगों की आजीविका का एक प्रमुख आधार पर्यटन है। इसे देखते हुए कुछ समय पहले सरकार ने इसे उद्योग का भी दर्जा दिया है। पारिस्थितिकीय पर्यटन को बढ़ाने के लिए ईको-टूरिज्म नीति लागू की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा 13 जिले 13 नए पर्यटन क्षेत्र योजना के जरिये पर्यटन के नए क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं।इस समय धार्मिक पर्यटन के लिहाज से उत्तराखंड सरकार के सामने सबसे बढ़ा आयोजन वर्ष 2021 में होने वाला हरिद्वार महाकुंभ हैं। इसमें करोड़ों लोगों के आने की संभावना है। इसे देखते हुए सरकार ने बजट में 1205 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इसमें से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 450 करोड़ के स्थायी व शेष से अस्थायी कार्य किए जाने प्रस्तावित है। प्रदेश की एतिहासिक एवं पौराणिक लोक सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भी बजट में 285.45 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।
पर्यटन के जरिये पलायन को हतोत्साहित करने के लिए दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना यानी होम स्टे योजना के तहत निर्माण करने के लिए आगे आने वालों को अनुदान देने के लिए 11.50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में सरकार ने इस वर्ष 900 प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार देने का निर्णय लिया है। इसके लिए स्थानीय निवासियों को बसों की खरीद पर 50 फीसद सब्सिडी अथवा 15 लाख रुपये तक का अधिकतम अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में 17.50 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। हालांकि, यह राशि तय लक्ष्य से काफी कम है। विभिन्न पर्यटक क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए अवस्थापना सुविधा विकसित करने के लिए 119 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। वहीं केंद्र, सरकार ने भी टिहरी झील में पर्यटन क्षेत्र में विकास के लिए 1210 करोड़ का ऋण प्रदान करने सैद्वांतिक सहमति दी है।
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