अयोध्या,VON NEWS:
“श्रीरामजन्मभूमि“ पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का एलान अब नई दिल्ली में होगा। शनिवार को रामजन्मभूमि परिसर का निरीक्षण करने के बाद यह संकेत श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने दिए।
ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि बैठकों में तय हुआ कि पहले इंजीनियरों की टीम तकनीकी परीक्षण करेगी। इसकी रिपोर्ट 25 मार्च तक मांगी जाएगी। फिर ट्रस्ट की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी से भूमि पूजन कराने के लिए शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी।
नृपेंद्र ने शनिवार को पूरा दिन “अयोध्या“ में बिताया। उनके साथ भारत सरकार की कंपनी एनबीसीसी के पूर्व चेयरमैन व सीएमडी अरुण कुमार मित्तल और निजी क्षेत्र की निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के प्रमुख इंजीनियर दिवाकर त्रिपाठी भी थे।
विराजमान रामलला, राममंदिर के 70 एकड़ के परिसर समेत विहिप की कार्यशाला में हुई तैयारियों का जायजा लेने के बाद तय हुआ कि अयोध्या में 3-4 मार्च को ट्रस्ट की संभावित बैठक अब नहीं होगी। नृपेंद्र ने कहा कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुशल इंजीनियरों की टीम तय की जाए। इसके बाद ट्रस्ट की बैठक व भूमि पूजन की तिथि तय होगी।
तकनीकी टीम की रिपोर्ट के बाद भूमि पूजन: चंपत राय
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि तकनीकी टीम की रिपोर्ट के बाद ही मंदिर निर्माण की तिथि व भूमि पूजन का मुहूर्त तय हो पाएगा। तकनीकी लोग उसका सही आकलन कर तय करेंगे कि मौलिक काम शुरू करने के लिए पूजन कब प्रारंभ करें।
रामनवमी पर भूमि पूजन के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। रामनवमी पर यहां 15 से 20 लाख लोग आते हैं। वे भगवान के दर्शन करें, पूजन करें और अपने घर जाएं, यह हमारा पहला कर्तव्य है।
विहिप का मॉडल श्रेष्ठ, परिसर होगा भव्य
इस दौरे में विहिप के प्रस्तावित 128 फीट ऊंचे, 140 फीट चौड़े व 268.5 फीट लंबे भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार के मंदिर को बेहतर ठहराया गया, लेकिन बाकी बचे 67 एकड़ के परिसर समेत अन्य जर्जर पौराणिक मंदिरों व भवनों को आधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ संवारने की जरूरत बताई गई। ट्रस्टियों के साथ मंथन के दौरान परिसर के आवासीय क्षेत्र पर भी चर्चा हुई। इसे
“राममंदिर” से दूर अलग छोर पर बनाया जाना है।
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