प्री काउंसलिंग के जरिए जेनेटिक रोगों पर लगाया जा सकता है
हैदराबाद, VON NEWS:“डॉक्टरों” का कहना है कि प्री-काउंसलिंग और सही निदान आनुवांशिक बीमारियों और आने वाली पीढ़ियों में होने वाले विकारों को रोकने के लिए जरूरी है। मीडिया से बात करते हुए, थैलेसीमिया विशेषज्ञ डॉ गायत्री ने कहा कि रक्त परीक्षण द्वारा वाहकों का पता लगाकर थैलेसीमिया और सिकल सेल रोगों को रोका जा सकता है।
अगर ऐसे दो लोग शादी कर लेते हैं जो जो इस बीमारी से ग्रस्त है तो उनके बच्चों में बीमारी से प्रभावित होने की 25 प्रतिशत संभावना है। उन्होंने कहा कि वाहक का पता लगाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। यह गर्भावस्था के दौरान या शादी से पहले किया जा सकता है। अगर कोई दंपति है जिसका बच्चा थैलेसीमिया से प्रभावित है तो परिवार के सदस्यों और रक्त संबंधियों की जांच की जानी चाहिए।
“इंडियन ऑर्गेनाइजेशन“ फॉर रेयर डिसीज़ के सदस्य डॉ कृष्णा राव ने कहा कि दुर्लभ रोग दिवस पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। ये दिवस 29 फरवरी को मनाया जाता है, क्योंकि यह केवल चार साल में एक बार आती है। उन्होंने कहा कि लगभग 7,000 दुर्लभ बीमारियां हैं। आंकड़ों के अनुसार, उनमें से 85 प्रतिशत आनुवंशिक हैं। तेलंगाना में, लगभग 20 लाख लोग आनुवंशिक विकारों से पीड़ित हैं। एक व्यक्ति, जो एक मांसपेशियों की बीमारी से पीड़ित है, मोहम्मद इमरान ने कहा कि विकार के कारण मेरी कुछ मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करती हैं।
मैं अपने दम पर बैठ नहीं सकता, न ही खड़ा हो सकता हूं। मुझे किसी ना किसी पर आश्रित होना पड़ता है। मैं बी.टेक स्नातक हूं। मैं एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम कर रहा था लेकिन अब मैं बेरोजगार हूं। इन आनुवांशिक बीमारियों के बारे में जागरूकता होनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को बुनियादी एहतियाती उपायों और उचित निदान के माध्यम से ऐसी बीमारियों को होने से रोका जा सके।
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