अयोध्या: निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंदिर परिसर में बिताए तीन घंटे
अयोध्या,VON NEWS: “रामजन्मभूमि मंदिर“ निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र शनिवार को अयोध्या पहुंचे हैं। यहां उन्होंने हनुमानगढ़ी पहुंचकर बजरंगबली के दरबार में हाजिरी लगाई। अयोध्या प्रवास के दौरान वे रामलला का दर्शन करने के साथ मंदिर निर्माण की दृष्टि से अधिगृहीत परिसर का जायजा लिया।
अयोध्या के लिए वे शुक्रवार को ही दिल्ली से रवाना हुए। रात लखनऊ में बिता कर शनिवार को सुबह 10:30 बजे वे कार से “अयोध्या“ के सर्किट हाउस पहुंचे। यहां कमिश्नर एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और एसएसपी आशीष तिवारी ने “नृपेंद्र मिश्र“अगवानी की। सर्किट हाउस से हनुमानगढ़ी के लिए रवाना हुए। यहां उन्होंने बजरंगबली के दरबार में दर्शन व आरती कर हाजिरी लगाई। इसके बाद श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थानीय सदस्यों और जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बैठक शिलाओं को लाने वाले रास्ते का निरीक्षण करने निकल पड़े।
वे रात्रि “अयोध्या“ में बिताएंगे और अगले दिन यानी रविवार को दोपहर दिल्ली लौटने से पूर्व वे श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थानीय सदस्यों और जिम्मेदार अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।
हालांकि, मंदिर निर्माण शुरू करने की दृष्टि से निर्णायक एलान श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में किया जाएगा। यह बैठक मार्च के प्रथम पखवारे में ही संभावित है। इसके बावजूद नृपेंद्र मिश्र के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है।
सुप्रीम फैसला आने के बाद जहां पूर्व की तरह सुरक्षा प्रबंधों के चलते रामलला के दर्शनार्थियों को होने वाली असुविधा दूर होने की उल्टी गिनती तो शुरू हो चुकी है, पर इस पर अमल अभी तक प्रतीक्षित है। इसी के साथ ही रामलला को टेंट के जीर्ण-शीर्ण अस्थायी गर्भगृह से अपेक्षित साज-सुविधायुक्त गर्भगृह में शिफ्ट किया जाना है। इस दिशा में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किए जाने के साथ प्रयास भी शुरू हो चुका है।
वैकल्पिक गर्भगृह स्थापित किए जाने की दिशा में मिश्र के आगमन से तेजी आने की उम्मीद है। इसी के साथ ही अधिग्रहीत परिसर से प्रशासन का बचा-खुचा दखल भी समाप्त होना है। विधिक रूप से तो पांच फरवरी को ट्रस्ट गठन के साथ ही अधिगृहीत परिसर का स्वामित्व-स्वत्व ट्रस्ट में निहित हो गया और यह सैद्धांतिक स्थानांतरण मिश्र के दौरे से व्यवहारिक स्वरूप ग्रहण करेगा। इस क्रम में जहां रामलला की चढ़ोत्तरी और व्यय के प्रबंध में शासकीय कर्मी लगे हुए थे, वहीं अब इसके लिए ट्रस्ट को अपने कर्मचारी तैनात करने होंगे।
पूरे होमवर्क से आए मिश्र
नृपेंद्र मिश्र का “अयोध्या“ में रात्रि प्रवास इस बात का संकेत है कि वे दौरे का होमवर्क पूरा करके आए हैं। समझा जाता है कि रविवार को ट्रस्ट के स्थानीय सदस्यों के साथ बैठक के साथ मंदिर निर्माण की दिशा में ठोस कदम बढ़ाएंगे। यह भी संभव है
कि उनकी यात्रा राममंदिर के शिलान्यास की तिथि पर पड़ा पर्दा हटाने वाली हो। मोटे तौर पर अनुमान लगाया जाता है कि शिलान्यास के लिए दो अप्रैल रामनवमी की तिथि अनुकूल होगी, पर इस मौके पर उमडऩे वाले जनसैलाब को ध्यान में रखकर समीक्षक शिलान्यास के लिए आठ अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा की तिथि या 26 अप्रैल को पड़ रही अक्षय तृतीया की तिथि सुझा रहे हैं।
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