उत्‍तराखंड में खेती की बंजर जमीन पर लौटेगी रौनक

देहरादून,VON NEWS:  प्रदेश के पर्वतीय और ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन के चलते बंजर हो चुकी खेती की जमीन पर दोबारा रौनक लौटने की उम्मीद है।

अब इस जमीन को ठेके पर खेती के लिए दिया जा सकेगा।कॉरपोरेट सेक्टर भी कॉंट्रेक्ट फार्मिंग के लिए भूमि का उपयोग कर सकेगा।

यह सब केंद्रीय कृषि उपज, पशुधन, संविदा खेती और सेवाएं अधिनियम-2018 के बूते मुमकिन होगा। मंत्रिमंडल ने इस मॉडल अधिनियम को राज्य में लागू करने को मंजूरी दी। संबंधित विधेयक आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

प्रदेश में अब खेती की जमीन को बटाई पर देने, कॉंट्रेक्ट फार्मिंग के लिए कॉरपोरेट सेक्टरको देने की व्यवस्था बन सकेगी। अभी तक इसके लिए कोई कानून नहीं था। केंद्र सरकार के इस मॉडल एक्ट को राज्य में लागू करने को मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दिखा दी है।

खाली पड़ी कृषि भूमि को ठेके पर देकर किसानों व ग्रामीणों की आमदनी में इजाफा होगा। प्रदेश सरकार उम्मीद कर रही है कि पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर पड़ी भूमि को कॉरपोरेट सेक्टर को देने से रिवर्स पलायन होगा। स्थानीय लोगों को ठेके पर भूमि देने के एवज में धन मिल सकेगा।

कॉरपोरेट सेक्टर कृषि में परंपरागत के बजाए आधुनिक तकनीक और शोध के इस्तेमाल को बढ़ावा देगा। सूत्रों के मुताबिक इससे कृषि क्षेत्र में विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश में इस कानून के अस्तित्व में आने से संविदा पर खेती करने वाले या कॉरपोरेट सेक्टर को भी राहत रहेगी। उन्हें केंद्र सरकार की फसल बीमा का लाभ मिलेगा।
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