स्वच्छ भारत मिशन में फर्जीवाड़ा, किराएदारों को भी चाहिए टॉयलेट का फंड

देहरादून,VON NES: स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार की ओर से घरों में टॉयलेट के निर्माण के लिए मिलने वाले साढ़े पांच हजार रुपये के बजट को हासिल करने के लिए फर्जीवाड़ा के भी मामले सामने आ रहे हैं। स्थिति यह है कि भवन मालिक ने तो बजट हासिल किया ही अब किराएदार से भी टॉयलेट का आवेदन करा दिया। विवादित जमीन पर या बेसहारा जमीन पर भी टॉयलेट के आवेदन कर दिए गए। अकेले दून शहर में टॉयलेट को लेकर आए 2353 आवेदनों में से 1240 आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया। सत्यापन कराने के बाद 1113 टॉयलेट स्वीकृत कर निर्माण कराया गया।

स्वच्छ भारत मिशन”  के तहत केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में खुले में शौचमुक्त कार्यक्रम के तहत शहरी एवं ग्रामीण लोगों को घरों में टॉयलेट के लिए अनुदान की योजना आरंभ की थी। इसके तहत शहरी क्षेत्र में लोगों को 5333 रुपये की धनराशि दो किश्तों में बांटी जा रही। इसमें 2000 रुपये टॉयलेट निर्माण के समय और शेष धनराशि टॉयलेट निर्माण पूरा होने के बाद जारी की जाती है।

योजना का लाभ लेने के लिए देहरादून” नगर निगम में कुल 2353 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें आवेदन व जमीनों के सत्यापन कराने के बाद 1547 आवेदनों की छंटनी की गई। बाद में इन 1547 आवेदनों में 434 आवेदन और निरस्त करने पड़े।

बताया गया कि उक्त आवेदन किराएदारों की ओर से किए गए थे, जबकि संबंधित भवन में भवन मालिक को पहले ही टॉयलेट का बजट जारी कर दिया गया था। वहीं, कुछ लोगों द्वारा ऐसी जमीन पर टॉयलेट का प्रस्ताव दिया गया जो वर्षों से विवादित थी। वे इस जुगत में थे कि यह जमीन सरकारी फंड मिलने पर उन्हें हासिल हो जाएगी।

यह भी पढ़े

हालात काबू करने का जिम्मा अजीत डोभाल को, केजरीवाल बोले- सेना तैनात करें; हाईकोर्ट ने आधी रात को सुनवाई की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button