अभ्यर्थियों का इंजीनियर बनने का ख्वाब टूटा

देहरादून, VON NEWS:  उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा में सफल होने के बाद भी 252 अभ्यर्थियों का इंजीनियर बनने का ख्वाब टूट गया। अब वह आयोग के दफ्तर से लेकर कोर्ट के चक्कर काटने को मजबूर हैं। प्रेस क्लब पहुंचे सफल अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग दोहराई कि जिनकी ओएमआर सीट में गड़बड़ी मिली थी, उन्हें दंडित किया जाए, लेकिन जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते परीक्षा पास की, उन्हें क्यों उस श्रेणी में रखा जा रहा है।

यूपीसीएल और पिटकुल के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की भर्ती के लिए आयोग ने पांच नवंबर 2017 को परीक्षा कराई थी। इस परीक्षा का परिणाम आठ फरवरी 2018 को घोषित किया गया, जिसमें 252 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। मगर 13 जुलाई 2019 को आयोग ने परीक्षा निरस्त कर दी। प्रेस क्लब पहुंची सुदीपा बड़ोनी, काजल रावत, अमजद अली, सोनी कटारिया, विवेक बिष्ट, विपिन कोठियाल, रोहन डोभाल, प्रदीप कपरवाण व अन्य ने कहा कि परीक्षा में रुड़की के एक कोचिंग सेंटर के करीब 60 अभ्थर्थी सफल हो गए थे।

इसके बाद ही परीक्षा को निरस्त किया गया। लेकिन अब तक की जांच में यह सामने नहीं आया कि पूरी परीक्षा में ही गड़बड़ी की गई थी। हम सभी के अलावा तमाम अभ्यर्थियों का सपना एक झटके में बिखर गया। हमारी मांग है कि सफल रहे अभ्यर्थियों की सरकार जांच करा ले। जिनकी परीक्षा में गड़बड़ी मिले, उन्हें दंडित किया जाए, लेकिन जिन्होंने अपनी मेहनत से परीक्षा पास की, उन्हें तत्काल ज्वाइनिंग दी जाए।

तीन ओएमआर शीट का प्रयोग केवल उत्तराखंड में : एस राजू

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग”  के अध्यक्ष एस राजू ने फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा के दौरान सामने आई नकल संबंधी गड़बड़ी पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि ब्लूटूथ का उपयोग करने वाला गिरोह न केवल उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों में भी सक्रिय हैं। प्रदेश की जांच एजेंसियों ने तत्परता दिखाते हुए जो कार्रवाई की वह प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से आयोग की परीक्षाओं में शुचिता व पादर्शिता के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। ओएमआर शीट की तीन कापियों का प्रयोग करने वाला उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अकेला है।

आयोग के अध्यक्ष ने रविवार को युवाओं से ऑनलाइन संवाद करने के बाद प्रेस को जारी बयान में स्थिति स्पष्ट करते हुए विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पकड़े गए आरोपितों पर सख्त कार्रवाई जांच एजेंसियों की ओर से अमल में लाई जा रही है।

प्रदेश से बाहर के माफिया सक्रिय

आयोग के  “अध्यक्ष एस राजू”  ने कहा कि परीक्षा में जो भी नकल माफिया सक्रिय हैं, वह पैसे के लिए काम करते हैं। आयोग की आंतरिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि प्रदेश के बाहर के गिरोह भी इस कार्य में संलिप्त हैं। इसका मुख्य आधार पैसे देने वाले अभ्यर्थी या उनके अभिभावक हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के मामले में भी आयोग कठोर कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ, बल्कि कुछ लोगों ने करने का प्रयास किया।

परीक्षा को लेकर यह हैं व्यवस्थाएं

– आयोग प्रत्येक परीक्षा के तत्काल बाद उत्तर कुंजी का प्रकाशन करता है।

– परीक्षा परिणाम आने के बाद सभी अभ्यर्थियों की मूल ओएमआर शीट्स का वेबसाइट पर प्रकाश होता है।

– परीक्षा केंद्रों के कंट्रोल रूम व परीक्षा के उपरांत सारी कार्रवाई की वीडियोग्राफी।

– परीक्षा संचालनकर्ताओं को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए जाते हैं।

– परीक्षा केंद्र में अधीक्षकों, कक्ष निरीक्षक, पर्यवेक्षकों की नियुक्ति होती है।

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