36 साल पहले बंजर व खड्ड की थी जमीन,
नई दिल्ली,VON NEWS: “मोटेरा स्टेडियम” को हकीकत में बदलने वाले मृगेश जयकृष्ण थे। यह स्टेडियम मात्र 8 महीने 13 दिन में तैयार हुआ था। 1982 में यह 63 एकड़ की बंजर जमीन खड्ड वाली थी जिसे स्टेडियम का रूप देने के लिए मृगेश जयकृष्ण ने सरकार से मांगा था। उस वक्त के 38 वर्षीय जयकृष्ण गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (जीसीए) के अध्यक्ष थे। उनकी पत्नी पारुल जानी-मानी उद्योगपति थीं। बता दें कि जयकृष्ण मोटेरा स्टेडियम में आज होने वाले ऐतिहासिक इवेंट के दौरान मौजूद नहीं होंगे।
“राष्ट्रपति” ज्ञानी जैल सिंह के हाथों हुआ था शुभारंभ
मुंबई मिरर में प्रकाशित खबर के अनुसार, तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने बड़ा समारोह किया था। नए अवतार के तौर पर इस स्टेडियम को सरदार पटेल स्टेडियम का नाम दिया गया है। यहां 1.10 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था है। 36 साल पहले यह 63 एकड़ की उबड़-खाबड़ बंजर जमीन थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज इसी स्टेडियम में मुलाकात करेंगे। यहां सोमवार को ‘नमस्ते ट्रंप’ इवेंट का आयोजन किया गया है। इस इवेंट का गवाह स्टेडियम में मौजूद 1,00,000 लोग होंगे।
स्टेडियम का निर्माण जल्दी में कराना था इसलिए एक एक मिनट का हिसाब था। यहां तक कि श्रमिकों के लिए रसोई का इंतजाम स्टेडियम के परिसर में ही किया गया था ताकि दिन व रात के खाने का समय बचाया जा सके। जयकृष्ण के इस स्टेडियम के सपने को पूरा करने के लिए एक एडवाइजरी कमिटी भी जुटी थी। इस कमिटी में पॉली उमरीगर, सुनील गावस्कर, राज सिंह डुंगरपूर, बिशन सिंह बेदी, इएएस प्रसन्ना और बीएस चंद्रशेखर शामिल थे। कई देशों में क्रिकेट स्टेडियम का अध्ययन किया था और 12 सालों के लिए जीसीए के वाइस प्रेसिडेंट होने के नाते उन्हें एक स्टेडियम की आवश्यकताओं का पूरा ज्ञान था। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने खास इंतजामों के साथ मोटेरा स्टेडियम का निर्माण करवाया
भारतीयों, एनआरआइ और कोऑपरेटिव बैंकों से एकत्रित फंड को लेकर जयकृष्ण ने रात दिन एक कर दिया। और तब जाकर मात्र 8 माह 13 दिनों की अवधि में दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम खड़ा हुआ। नवंबर 1983 में यह बनकर तैयार हो गया था जब वेस्ट इंडीज व भारत के बीच टेस्ट मैच होना था। उन्होंने बताया टेस्ट मैच के लिए अहमदाबाद में टिकटों की बिक्री करना एक मुश्किल काम था। इसमें ‘मुफ्त के पास’ सबसे बड़ी रुकावट थी। हालांकि जब मुख्यमंत्री, गृह मंत्री ने टिकट खरीदने की बात कही तब राह आसान हो गई। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने बच्चों के लिए टिकट खरीदी ताकि कोई मुफ्त के पास की मांग न करे। बस इसके बाद हमने 50 फीसद टिकटों की बिक्री की और इससे फायदा भी हुआ।’ उन्होंने आगे बताया कि हमने एयर कंडीशन बॉक्स भी लगा दिए।
गुजरात की सत्ता में आने के बाद तत्कालीन“मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी” को वर्ष 2009 में सर्वसम्मति से जीसीए का अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने भी जयकृष्ण से क्रिकेट की जानकारी के लिए संपर्क किया था।
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