माह में 24 दिन छुट्टी, 6 दिन ड्यूटी और हस्ताक्षर पूरे, 4 डॉक्टरों का वेतन रोका; स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

Almora : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी अनियमितता पकड़ में आई है। आयुक्त दीपक रावत के औचक निरीक्षण के बाद जो गोपनीय जांच कराई गई उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सीएचसी में तैनात चिकित्सक माह में मात्र छह दिन ही ड्यूटी दे रहे हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी अनियमितता पकड़ में आई है। आयुक्त दीपक रावत के औचक निरीक्षण के बाद जो गोपनीय जांच कराई गई, उसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सीएचसी में तैनात चिकित्सक माह में मात्र छह दिन ही ड्यूटी दे रहे हैं। यानि 24 दिन छुट्टी कर दी जाती है। यही नहीं अवकाश से लौटने पर उपस्थिति पंजिका में एक साथ हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं।

आयुक्त ने इसे गलत प्रथा करार देते हुए डीएम को स्वयं जांच कर 15 दिन के भीतर जांच व कार्यवाही के लिए कहा है। इधर प्रभारी चिकित्साधिकारी की संस्तुति पर सीएमओ ने चिह्नित चार चिकित्सकों का वेतन रोक स्पष्टीकरण मांग लिया है।

हालिया सीएम पुष्कर सिंह धामी के मासी (चौखुटिया) दौरे से पूर्व आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत ने रानीखेत उपमंडल मुख्यालय के साथ ही यहां सीएचसी का भी औचक निरीक्षण किया था। गोपनीय शिकायत की तह तक जाने में अनियमितता पकड़ी गई। आयुक्त के मुताबिक सीएचसी में बायोमेट्रिक मशीन कार्य नहीं कर रही है। छुट्टी से लौटने के बाद चिकित्सक उपस्थिति पंजिका में एक साथ हस्ताक्षर करते हैं जो गलत है।

आयुक्त की ओर से कार्यवाही के लिए डीएम को पत्र लिखे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है। वहीं सीमओ डा. आरसी पंत ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। अलबत्ता, अनियमितता के दायरे में आए चार चिकित्सकों का वेतन रोक स्पष्टकीकरण लिया जा रहा है। इस संबंध में डीएम से संपर्क साधा गया पर बात नहीं हो सकी।

‘मेरे संज्ञान में मामला आया है। यदि चिकित्सकों ने रोस्टर का उल्लंघन किया है तो नो वर्क नो पे का नियम भी अपनाया जाएगा। स्पष्टीकरण मंगा कर पता लगाया जा रहा है कि अवकाश किन परिस्थितियों में लिया गया। अवकाश औचित्यपूर्ण न हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’

– डा. आरसी पंत, सीएमओ

‘चिकत्सालय में सात महिला व पांच पुरुष कुल 12 चिकित्सकों का स्टाफ है। चेतावनी देने के बाद भी आदेश व रोस्टर का पालन नहीं कर रहे थे। सीएमओ से भी शिकायत की गई। साथी चिकित्सकों के माध्यम से हस्ताक्षर कराए जा रहे थे। ऐसे चार चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांग वेतन रोकने की संस्तुति कर दी गई है।’

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